21 June Holiday Cancelled: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। आमतौर पर हर महीने के तीसरे शनिवार को स्कूलों में छुट्टी रहती है, लेकिन इस बार 21 जून को छुट्टी नहीं दी जाएगी। वजह है – अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)।
21 जून की छुट्टी रद्द – कारण है विशेष
झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि 21 जून 2025 को स्कूलों में छुट्टी नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, सभी सरकारी स्कूलों में “योग संगम” नाम से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य छात्रों को योग के महत्व से परिचित कराना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे से
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, योग दिवस के दिन का कार्यक्रम सुबह 6:30 बजे से शुरू होकर 7:45 बजे तक चलेगा। सभी स्कूलों को समय पर कार्यक्रम की शुरुआत और समापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को आवश्यक तैयारियाँ पहले से ही करने को कहा गया है।
छुट्टी तो नहीं, लेकिन मौका है सीखने का
हालाँकि बच्चों को छुट्टी नहीं मिलेगी, लेकिन उन्हें योग के महत्व के बारे में जानने और उसे अभ्यास में लाने का सुनहरा मौका मिलेगा। यह एक ऐसा अनुभव होगा जो सिर्फ पढ़ाई से नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन की सेहतमंद आदतों से जुड़ा है।
“योग संगम” – एक सामूहिक आयोजन
इस विशेष दिन को “योग संगम” नाम दिया गया है, जिसका मकसद सिर्फ स्कूल के छात्रों तक सीमित नहीं है। इस आयोजन में शामिल होंगे:
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छात्र और छात्राएं
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स्कूल के शिक्षक
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अभिभावक
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विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) के सदस्य
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स्थानीय जनप्रतिनिधि
यानी यह एक सामूहिक योगाभ्यास होगा जो सिर्फ स्कूली गतिविधि नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने की पहल है। इससे समाज में योग के प्रति जागरूकता भी फैलेगी।
हर स्कूल को देनी होगी रिपोर्ट
सरकारी आदेशों के अनुसार, कार्यक्रम के बाद हर स्कूल को गूगल शीट के माध्यम से रिपोर्ट भेजनी होगी। इसमें बताया जाएगा कि आयोजन कहाँ हुआ, कितने लोगों ने भाग लिया और क्या-क्या गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इससे राज्य सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि कार्यक्रम कितनी प्रभावी रूप से किया गया।
योग दिवस को छुट्टी क्यों नहीं दी गई?
इस बार सरकार ने यह फैसला लिया है कि योग दिवस को छुट्टी देकर नहीं, बल्कि अभ्यास करके मनाया जाए। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
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योग का महत्व समझाना:
बच्चे अगर खुद योग करेंगे तो उसका महत्व बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। -
स्वस्थ शरीर और मन की दिशा में कदम:
योग न सिर्फ शरीर को, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। -
नियमित योग की प्रेरणा:
स्कूल स्तर पर शुरू होने वाला योग अभ्यास बच्चों को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा।
अभिभावकों की भागीदारी क्यों है जरूरी?
सरकार ने इस आयोजन में अभिभावकों और समाज के अन्य लोगों को भी शामिल करने का निर्णय इसलिए लिया है ताकि योग सिर्फ स्कूलों तक सीमित न रहे। यदि माता-पिता भी बच्चों के साथ योग करेंगे तो बच्चे उसे गंभीरता से लेंगे और उसे अपने जीवन में अपनाएंगे। साथ ही, यह पारिवारिक और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देगा।
समाज को जोड़ने का प्रयास
यह आयोजन केवल योगाभ्यास का नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एक मंच पर लाकर सामाजिक एकता और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने का माध्यम भी है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति से कार्यक्रम को एक विशेष पहचान मिलेगी और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
निष्कर्ष
21 जून की छुट्टी रद्द होने का कारण केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि शैक्षिक और सामाजिक भी है। यह निर्णय बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि वे छोटी उम्र से ही स्वास्थ्य के महत्व को समझें और जीवन में योग को अपनाएं। इस आयोजन से न सिर्फ बच्चों को फायदा होगा, बल्कि समाज में भी स्वास्थ्य और जागरूकता का नया संदेश जाएगा।
अगर आप झारखंड में रहते हैं और आपके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, तो 21 जून को उन्हें समय पर स्कूल भेजना न भूलें। साथ ही अगर संभव हो तो अभिभावक भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर समाज के साथ कदम से कदम मिला सकते हैं।