Divyang Sahayak Yojana 2025: दिल्ली सरकार ने दिव्यांग जनों की देखभाल कर रहे परिवार के सदस्यों या सहायकों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसका नाम है “दिव्यांग सहायक योजना” (Divyang Sahayak Yojana)। इस योजना के तहत सरकार हर महीने 5000 रुपए की आर्थिक सहायता देगी। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को सहयोग देना है, जिनके सदस्य पूरी तरह से दिव्यांग हैं और चौबीसों घंटे किसी की देखभाल पर निर्भर हैं।
किसे मिलेगा योजना का लाभ?
यह योजना विशेष रूप से उन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है, जिनकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत या उससे अधिक है और जो दैनिक कार्यों के लिए पूरी तरह से किसी अन्य व्यक्ति पर निर्भर हैं। उनकी देखभाल करने वाला व्यक्ति कोई भी हो सकता है – माता-पिता, भाई-बहन, जीवनसाथी या कोई अन्य रिश्तेदार या संरक्षक।
हर महीने 5000 रुपए की सहायता
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री रविन्द्र इंद्राज सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत चयनित सहायकों को ₹5000 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। योजना पर काम अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उन परिवारों को आर्थिक राहत देना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनका एक सदस्य गंभीर दिव्यांगता से पीड़ित है। ऐसी स्थिति में देखभाल करने वाला व्यक्ति अक्सर अपनी नौकरी या कमाई का जरिया छोड़ देता है, जिससे पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से देखभाल करने वाले व्यक्ति को सम्मानजनक सहायता दी जा सकेगी।
कितने लोग होंगे लाभार्थी?
वर्तमान में प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में ऐसे लगभग 1000 परिवार हैं, जिनका कोई सदस्य पूरी तरह दूसरों पर निर्भर है। हालांकि, समाज कल्याण विभाग का कहना है कि यह आंकड़ा अस्थायी है और सरकार एक व्यापक सर्वेक्षण कराएगी, ताकि वास्तविक संख्या का पता चल सके और योजना को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।
वर्तमान में क्या सहायता मिल रही है?
दिल्ली सरकार अभी तक दिव्यांग व्यक्तियों को ₹2500 प्रतिमाह की पेंशन देती रही है, यदि उनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत से अधिक है। इस योजना के तहत करीब 1.5 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। लेकिन यह पेंशन केवल दिव्यांग को मिलती है, देखभाल करने वाले को नहीं। नई योजना इस कमी को दूर करने का प्रयास है।
नरेला में बन रहा है दिव्यांग भवन
दिल्ली सरकार केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि दिव्यांगों के लिए बेहतर आवासीय सुविधाएं भी विकसित कर रही है। हाल ही में समाज कल्याण मंत्री ने नरेला में एक निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। यह भवन मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बनाया जा रहा है, जिसकी क्षमता 220 लोगों के रहने की होगी। यहां रोहिणी के ओवरलोडेड आश्रय गृहों से लोगों को स्थानांतरित किया जाएगा।
अन्य स्थानों पर भी हो रहा निर्माण
सरकार ने जानकारी दी है कि मामूरपुर और दल्लूपुरा में भी ऐसे भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इन भवनों का उद्देश्य दिव्यांगों को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और सुव्यवस्थित जीवन उपलब्ध कराना है।
संवेदनशील प्रशासन की मिसाल
यह योजना इस बात का संकेत है कि दिल्ली सरकार प्रशासनिक फैसलों में मानवीय पक्ष को भी प्रमुखता दे रही है। पहली बार किसी राज्य सरकार ने दिव्यांगों की देखभाल करने वालों को मानदेय देने की पहल की है। इससे उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जो अपने परिवार के दिव्यांग सदस्य की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं।
देशभर के लिए बन सकती है मिसाल
अगर दिल्ली सरकार की यह योजना सफल होती है, तो अन्य राज्य भी इससे प्रेरणा लेकर अपने यहां ऐसी योजनाएं शुरू कर सकते हैं। इससे दिव्यांगों और उनके सहायकों को समान रूप से सहयोग मिलेगा, जो समाज में समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष
दिव्यांग सहायक योजना न केवल दिव्यांगों के जीवन को आसान बनाने की कोशिश है, बल्कि उन नायकों को भी सम्मान देती है, जो बिना किसी स्वार्थ के उनकी सेवा कर रहे हैं। यह एक सराहनीय और संवेदनशील कदम है, जो देश में दिव्यांग कल्याण की दिशा में एक नई शुरुआत हो सकती है। अब सभी की नजर इस योजना के क्रियान्वयन पर टिकी है, जिससे जरूरतमंद परिवारों को शीघ्र राहत मिल सके।