IIT Placements 2025: देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) एक बार फिर से अपने प्लेसमेंट सीजन में जबरदस्त कामयाबी हासिल करने में सफल रहा है। खासतौर पर IIT खड़गपुर के प्लेसमेंट सीजन ने इस बार नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद इस साल छात्रों को रिकॉर्ड तोड़ नौकरियां मिली हैं।
IIT खड़गपुर के प्लेसमेंट सीजन में जबरदस्त सफलता
IIT खड़गपुर की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल कुल 1800 से अधिक जॉब ऑफर प्राप्त हुए हैं। इनमें से 409 प्री-प्लेसमेंट ऑफर (PPO) भी शामिल हैं। यही नहीं, इस प्लेसमेंट ड्राइव में 25 अंतरराष्ट्रीय ऑफर भी छात्रों को मिले हैं।
सबसे खास बात यह रही कि इस बार नौ छात्रों को 1 करोड़ रुपए से अधिक का सालाना पैकेज मिला है। इसमें सबसे ऊँचा पैकेज 2.14 करोड़ रुपए प्रति वर्ष का रहा, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि दुनिया की बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भारतीय टैलेंट पर कितना भरोसा कर रही हैं।
टॉप कंपनियों ने दिया शानदार रिस्पॉन्स
IIT खड़गपुर के प्लेसमेंट में इस साल सॉफ्टवेयर, एनालिटिक्स, बैंकिंग, कंसल्टिंग और कोर इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनियों ने हिस्सा लिया। लगभग 400 से अधिक कंपनियों ने इस प्लेसमेंट प्रक्रिया में भाग लिया।
संस्थान के निदेशक अमित पात्रा ने भी इस शानदार उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि 1800 से अधिक जॉब ऑफर मिलना IIT खड़गपुर के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि संस्थान इंडस्ट्री के हिसाब से टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स की नई पीढ़ी को तैयार कर रहा है।
लगातार सिलेबस और तकनीक में सुधार
अमित पात्रा ने आगे बताया कि IIT खड़गपुर लगातार अपने सिलेबस को अपडेट कर रहा है ताकि छात्र बदलते तकनीकी युग के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सकें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप टेक्नोलॉजी के इस दौर में संस्थान अपने छात्रों को सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के अनुकूल दक्षता भी सिखा रहा है। इसका परिणाम है कि छात्र न केवल इन बदलावों के अनुरूप खुद को ढाल रहे हैं बल्कि तकनीकी बदलावों का नेतृत्व भी कर रहे हैं।
IIT BHU में पाठ्यक्रमों में बड़े बदलाव
जहां एक ओर IIT खड़गपुर ने प्लेसमेंट में नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर IIT BHU ने अपने पाठ्यक्रमों में बड़ा सुधार करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कई नए कोर्स शुरू किए हैं। अब छात्रों को B.Tech सेकंड मेजर और B.Tech माइनर जैसी नई डिग्रियों का विकल्प मिलेगा।
मल्टीपल एग्जिट ऑप्शन की सुविधा
IIT BHU ने मल्टीपल एग्जिट ऑप्शन लागू कर छात्रों को कोर्स के दौरान लचीलापन देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब छात्र कोर्स के किसी भी चरण में अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार आगे की पढ़ाई का निर्णय ले सकते हैं।
पहले वर्ष के बाद शाखा बदलने की सुविधा को अब समाप्त कर दिया गया है, जिससे छात्रों को शुरुआत से ही अपने करियर की दिशा तय करने का मौका मिलेगा।
पांच शैक्षणिक विकल्प होंगे उपलब्ध
IIT BHU के छात्रों को चौथे सेमेस्टर के अंत में कुल पांच शैक्षणिक विकल्पों में से चुनने का अवसर मिलेगा। ये विकल्प इस प्रकार हैं:
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सामान्य B.Tech डिग्री – छात्र अपने मूल विषय में सामान्य डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
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B.Tech ऑनर्स डिग्री – छात्र अपने मूल विषय के साथ अतिरिक्त स्ट्रीम लेकर ऑनर्स डिग्री ले सकते हैं।
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B.Tech माइनर डिग्री – छात्र किसी अन्य विषय में 4 से 6 विषय पढ़कर माइनर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
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B.Tech सेकंड मेजर डिग्री – छात्र अपने मूल विषय के अलावा किसी अन्य विषय में सेकंड मेजर करके 10 सेमेस्टर में डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
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इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री प्रोग्राम (ID प्रोग्राम) – इसके तहत छात्र 10 सेमेस्टर में B.Tech के साथ-साथ M.Tech की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं।
शिक्षा में व्यापक बदलाव की दिशा में कदम
इन नए विकल्पों के लागू होने से छात्रों को अपने करियर को बेहतर ढंग से प्लान करने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल छात्रों की स्किल डेवलपमेंट होगी बल्कि इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार कुशल प्रोफेशनल्स भी तैयार होंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों में लचीलापन और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। IIT BHU का यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
निष्कर्ष
IIT खड़गपुर और IIT BHU के ये दोनों उदाहरण यह दर्शाते हैं कि भारत के उच्च शिक्षण संस्थान वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को लगातार मजबूत कर रहे हैं। एक ओर IIT खड़गपुर के छात्रों को करोड़ों के पैकेज मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर IIT BHU नए पाठ्यक्रमों और शिक्षा नीति के तहत छात्रों को बेहतरीन शैक्षणिक विकल्प दे रहा है।
इस तरह के बदलाव न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा देंगे, बल्कि भारत को तकनीकी क्षेत्र में विश्व का अगुआ बनाने में भी मददगार साबित होंगे।