Kharif Mini Kit: उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन की बुवाई से पहले किसानों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 4.58 लाख मिनी किट मुफ्त बांटने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत किसानों को दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की उन्नत किस्मों के बीज मिलेंगे, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता और आय में इजाफा होगा।
क्या है खरीफ मिनी किट वितरण योजना?
“खरीफ मिनी किट वितरण योजना 2025” का उद्देश्य किसानों को समय पर उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराना और खेती में विविधता को बढ़ावा देना है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस वर्ष कुल 4.58 लाख मिनी किट किसानों को बिना किसी शुल्क के वितरित की जाएंगी।
इन मिनी किट्स में उड़द, मूंग, अरहर, तिल, मूंगफली के साथ-साथ श्री अन्न (मोटे अनाज) जैसे सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा और रागी के बीज शामिल होंगे।
किस प्रकार की किट्स मिलेंगी किसानों को?
राज्य सरकार द्वारा वितरित की जाने वाली मिनी किट्स की संख्या और प्रकार निम्नानुसार हैं:
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1.05 लाख मिनी किट: दलहन फसल (उड़द, मूंग, अरहर)
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1 लाख मिनी किट: तिलहन (तिल)
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6,000 मिनी किट: मूंगफली
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2.47 लाख मिनी किट: श्री अन्न (सांवा, कोदो, बाजरा, ज्वार, रागी)
यह पहल खेती में विविधता लाने, पोषण सुरक्षा बढ़ाने और जलवायु के प्रति टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है।
किसानों को मिलेगा ₹410 करोड़ से अधिक का लाभ
राज्य सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए 410.67 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की जा रही है। इस धनराशि का उपयोग निम्न उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है:
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उन्नत किस्मों के बीज वितरण
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समय पर बुवाई के लिए सहायता
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प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम
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आधुनिक तकनीकों का प्रचार
इससे किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी मिलने के साथ-साथ उनकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी।
विकसित कृषि संकल्प अभियान का सकारात्मक असर
उत्तर प्रदेश में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” 29 मई से 12 जून तक चलाया जा रहा है। इसका मकसद किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रशिक्षित करना और उन्हें वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ना है।
इस अभियान के तहत:
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550 कृषि वैज्ञानिक किसानों को ‘लैब टू लैंड’ मॉडल के माध्यम से मार्गदर्शन दे रहे हैं।
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10,125 स्थानों पर वैज्ञानिक कृषक संवाद व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
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अब तक 4,959 कार्यक्रम हो चुके हैं, जिनमें 8.39 लाख किसान (6.48 लाख पुरुष और 1.91 लाख महिलाएं) भाग ले चुके हैं।
इस अभियान से किसानों को सही उर्वरक के उपयोग, जल प्रबंधन और बाजार से जुड़ाव जैसी जानकारी मिल रही है।
मक्का उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
सरकार की नीतियों का असर राज्य में मक्का उत्पादन में भी दिखाई दे रहा है। कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013 में जहां मंडियों में केवल 3.95 लाख मीट्रिक टन मक्का की आवक थी, वहीं अब यह बढ़कर 27 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गई है।
वर्तमान में 24 जिलों में किसान मक्का और आलू की मिश्रित खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें दोगुनी आय हो रही है। अप्रैल 2025 से अब तक 2.32 लाख मीट्रिक टन मक्का मंडियों में भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री करेंगे किसानों से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मक्का किसानों से बातचीत करेंगे ताकि उनकी समस्याएं, अनुभव और सुझाव समझे जा सकें। यह संवाद कार्यक्रम कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र में आयोजित होने की संभावना है।
इससे सरकार को नीतियों की समीक्षा और सुधार का अवसर मिलेगा और किसान सरकार से सीधा जुड़ सकेंगे।
किसानों को इस योजना से क्या लाभ होंगे?
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मुफ्त बीज किट से लागत में कमी
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उन्नत किस्मों से बेहतर उत्पादन
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फसल विविधता से मिट्टी और जल संरक्षण
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सरकार से सीधा संवाद और फीडबैक
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आय में वृद्धि और खेती में आत्मनिर्भरता
निष्कर्ष
“खरीफ मिनी किट वितरण योजना 2025” उत्तर प्रदेश सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो किसानों की समृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और खेती की गुणवत्ता को बढ़ावा देती है। इस योजना से जहां किसानों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा, वहीं उन्नत तकनीकों और प्रशिक्षण के जरिए उनकी खेती अधिक आधुनिक और लाभदायक बन सकेगी।
यदि आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और नजदीकी कृषि विभाग या पंचायत कार्यालय से संपर्क कर इसकी जानकारी प्राप्त करें।