Monsoon Update 2025: देशभर में गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। इस बार मानसून की रफ्तार भले ही थोड़ी धीमी हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से मानसून सक्रिय होने जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे दो नए सिस्टम से देश के कई राज्यों में जल्द ही झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है। खासकर उन इलाकों में जहां मानसून पहले पहुंच चुका था लेकिन पिछले कुछ दिनों से बारिश कम हो गई थी, वहां भी फिर से बारिश की गतिविधियां शुरू होंगी।
फिलहाल कहां है मानसून?
फिलहाल मानसून का पश्चिमी सिरा मुंबई तक पहुंच चुका है, जबकि पूर्वी हिस्सा सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के आस-पास अटका हुआ है। इस समय बंगाल की खाड़ी में बने हालात मानसून को आगे बढ़ने का अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में दो नए चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो आने वाले दिनों में मानसून को पूरे देश में गति देंगे।
11 जून से शुरू होगा पहला सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार 11 जून 2025 को बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य हिस्से में आंध्र प्रदेश तट के पास एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है। यह सिस्टम धीरे-धीरे ज़मीन की ओर बढ़ेगा और आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, और कर्नाटक के हिस्सों में अच्छी बारिश लाएगा।
इसके प्रभाव से कोकण और गोवा में भी सप्ताहांत के आसपास भारी बारिश हो सकती है। वहीं, मुंबई में भी मानसून की पहली झलक 14 से 16 जून के बीच देखने को मिल सकती है।
14 जून को दूसरा सिस्टम बनेगा
इसके बाद 14 जून 2025 को उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। यह सिस्टम ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के रास्ते आगे बढ़ेगा। इस सिस्टम के सक्रिय होने से इन राज्यों में भारी बारिश होगी और मानसून तेजी से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
इस दौरान बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। मुंबई में भी इस सिस्टम के प्रभाव से सप्ताह के मध्य के बाद बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है।
मानसून को मिलेगी नई रफ्तार
इन दोनों सिस्टमों के असर से मानसून फिर से पूरे जोश में आ जाएगा। देश के कई हिस्सों में जहां मानसून पहले से पहुंच चुका था लेकिन कमजोर हो गया था, वहां फिर से सक्रियता देखने को मिलेगी। साथ ही मानसून की उत्तर सीमा (Northern Limit of Monsoon – NLM) भी आगे बढ़ेगी और यह पश्चिमी तट के साथ गुजरात तक पहुंच जाएगा।
महाराष्ट्र के शेष हिस्सों, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक मानसून का विस्तार हो जाएगा। यानी, देश के बड़े हिस्से में अगले सप्ताह के भीतर मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।
लू से मिलेगी राहत
इस साल उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण लू का कहर जारी है। राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मानसून की इस ताजा प्रगति से इन राज्यों को भी राहत मिलने की उम्मीद है।
जैसे ही मानसून उत्तर भारत में दस्तक देगा, तापमान में गिरावट आएगी और लू का प्रकोप भी कम होगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार मानसून की प्रगति के साथ ही उत्तर भारत में भी गर्मी से बड़ी राहत मिलने वाली है।
किसानों के लिए खुशखबरी
मानसून का समय पर सक्रिय होना किसानों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। खरीफ की फसल की बुवाई का काम मानसून पर ही निर्भर करता है। यदि मानसून अगले हफ्ते तक सक्रिय हो जाता है तो धान, मक्का, सोयाबीन और मूंगफली जैसी खरीफ फसलों की बुवाई समय पर शुरू हो सकेगी। इससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलने की भी संभावना बढ़ेगी।
आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान
तिथि | संभावित मौसम गतिविधि |
---|---|
11 जून | बंगाल की खाड़ी में पहला चक्रवाती परिसंचरण |
14 जून | बंगाल की खाड़ी में दूसरा चक्रवाती परिसंचरण |
14-16 जून | मुंबई और कोकण-गोवा क्षेत्र में बारिश |
15 जून के बाद | बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश |
20 जून तक | उत्तर भारत में मानसून की दस्तक और लू से राहत |
निष्कर्ष
इस बार मानसून की चाल भले ही थोड़ी धीमी रही हो, लेकिन अब मौसम फिर से करवट ले रहा है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले दोनों सिस्टम देश के कई हिस्सों में मानसून को नई गति देंगे। गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिलेगी और किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान लौटेगी।
अब सभी की निगाहें मौसम विभाग की अगली अपडेट पर टिकी हुई हैं कि मानसून कितनी तेजी से अपने पूरे स्वरूप में आएगा और देश के बाकी हिस्सों में कब तक पहुंचेगा।