NEET Success Story 2025: हर वर्ष लाखों छात्र-छात्राएं NEET परीक्षा में शामिल होते हैं। यह परीक्षा मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पड़ाव होती है। हालांकि, इस कठिन परीक्षा में बहुत कम विद्यार्थी ही शीर्ष रैंक प्राप्त कर पाते हैं। उन्हीं चुनिंदा सफल उम्मीदवारों में शामिल हैं इंदौर की सानिका अग्रवाल, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 29 हासिल कर ना सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य को गौरवान्वित कर दिया।
सानिका मध्यप्रदेश की इकलौती छात्रा रहीं जो टॉप 50 रैंक में जगह बनाने में सफल हुईं। उनकी यह सफलता लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुकी है। आइए जानते हैं उनकी इस सफलता की पूरी कहानी।
पहले ही प्रयास में गजब का प्रदर्शन
NEET Success Story 2025 में सानिका अग्रवाल का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में NEET UG 2022 परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया। सानिका ने कुल 720 अंकों में से 705 अंक प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि सही दिशा में की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। उनकी इस सफलता के पीछे गहरी समझ, सटीक रणनीति और मजबूत आत्मविश्वास का बड़ा योगदान रहा।
11वीं कक्षा से ही शुरू की थी तैयारी
सानिका ने अपनी NEET की तैयारी कक्षा 11 से ही शुरू कर दी थी। उन्होंने तब ही यह ठान लिया था कि वे मेडिकल फील्ड में ही अपना भविष्य बनाना चाहती हैं। तैयारी की शुरुआत से ही उन्होंने समय का प्रभावी प्रबंधन किया और हर विषय को गहराई से समझने का प्रयास किया।
सानिका का कहना है कि अगर किसी भी विद्यार्थी को NEET में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसे समय रहते योजना बनानी चाहिए। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई ही नींव तैयार करती है।
कोविड महामारी में भी नहीं टूटी हिम्मत
कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया ठहर सी गई थी, तब भी सानिका ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। लॉकडाउन और ऑनलाइन क्लासेस के बावजूद उन्होंने हर दिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई की।
जहां अधिकांश छात्र इस दौर में मानसिक तनाव और असमंजस का शिकार हो रहे थे, वहीं सानिका ने इस समय का सदुपयोग किया और अपनी कमियों को सुधारने पर पूरा ध्यान दिया। उनका यह जज्बा ही उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक ले गया।
पढ़ाई को बोझ नहीं, आनंद बनाया
सानिका का मानना है कि यदि आप किसी कार्य को पूरे मन से करते हैं और उसमें आनंद लेते हैं, तो वह कभी बोझ नहीं बनता। उन्होंने पढ़ाई को बोझ समझने की बजाय उसे एक सुखद यात्रा के रूप में लिया।
पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने शौक पूरे करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी समय निकालती रहीं। यही कारण रहा कि वे पूरे दो साल की तैयारी के दौरान मानसिक रूप से बिल्कुल संतुलित और सकारात्मक बनी रहीं।
सटीक रणनीति और अनुशासन ने दिलाई सफलता
सानिका की सफलता केवल मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि उसकी बड़ी वजह उनकी सही रणनीति और अनुशासन रहा। उन्होंने:
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समय का बेहतर प्रबंधन किया।
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नियमित मॉक टेस्ट दिए।
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कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान दिया।
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एनसीईआरटी की किताबों को गहराई से पढ़ा।
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हर विषय की बारीकियों को अच्छी तरह से समझा।
उनका कहना है कि एनसीईआरटी के हर एक शब्द को समझना NEET की तैयारी में सबसे अहम है। साथ ही मॉक टेस्ट से आत्मविश्वास और टाइम मैनेजमेंट दोनों मजबूत होते हैं।
AIIMS में MBBS की पढ़ाई कर रही हैं सानिका
सानिका ने अपनी शानदार रैंक के बल पर देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में से एक AIIMS में MBBS में दाखिला पाया। वर्तमान में वह तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। यह हर मेडिकल अभ्यर्थी का सपना होता है, जिसे सानिका ने अपनी मेहनत और लगन से पूरा कर दिखाया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत
आज सानिका की सफलता उन लाखों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है जो NEET की तैयारी कर रहे हैं। वह अपने जूनियर्स को यही सलाह देती हैं कि पढ़ाई को रोचक बनाएं, आत्मविश्वास बनाए रखें, शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान रखें और सकारात्मक सोच के साथ तैयारी करें।
उनका मानना है कि हर दिन थोड़ा-थोड़ा बेहतर बनना ही अंततः बड़ी सफलता की ओर ले जाता है।
निष्कर्ष: मेहनत, अनुशासन और सकारात्मक सोच से मिलती है सफलता
सानिका अग्रवाल की यह सफलता कहानी यह सिखाती है कि किसी भी परीक्षा में सफलता पाने के लिए केवल कठिन परिश्रम ही नहीं बल्कि सही रणनीति, अनुशासन, टाइम मैनेजमेंट और सकारात्मक दृष्टिकोण भी बेहद जरूरी है।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और प्रयास पूरी ईमानदारी से किए जाएं तो कोई भी कठिन परीक्षा पास करना असंभव नहीं है। सानिका की यह यात्रा आज लाखों मेडिकल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई है।