School Reopen 2025: गर्मी की लंबी छुट्टियों के बाद अब एक बार फिर छत्तीसगढ़ के स्कूलों में रौनक लौटने जा रही है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस वर्ष 16 जून 2025 से राज्य के सभी स्कूल फिर से खुल जाएंगे और बच्चे एक बार फिर से पढ़ाई की दुनिया में कदम रखेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस अवसर को खास बनाने के लिए ‘शाला प्रवेश उत्सव’ (School Admission Festival) का आयोजन भी करने का फैसला लिया है। इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना और स्कूलों को फिर से ज्ञान के केंद्र के रूप में सजीव करना है।
शाला प्रवेश उत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर
राज्य के शिक्षा विभाग ने इस वर्ष शाला प्रवेश उत्सव को और प्रभावी तथा प्रेरणादायक बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी कलेक्टरों, जिला शिक्षा अधिकारियों और मिशन संचालकों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आवश्यक आदेश दिए गए हैं। इस उत्सव के तहत सभी नए और पुराने विद्यार्थियों का स्कूलों में आत्मीय स्वागत किया जाएगा।
इस आयोजन के माध्यम से बच्चों में स्कूल जाने का उत्साह बढ़ाने, शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और शिक्षा को आनंदमय बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्कूल, संकुल और जिला स्तर तक होगा आयोजन
इस बार शाला प्रवेश उत्सव केवल स्कूल स्तर तक सीमित नहीं रहेगा। इसे ब्लॉक, संकुल और जिला स्तर तक व्यापक रूप से आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना और अधिक से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ना है।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर बच्चा स्कूल जाए और किसी भी बच्चे की पढ़ाई किसी कारणवश न छूटे। शिक्षा विभाग का यह कदम स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति को रोकने और शिक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा व्यवस्था
छत्तीसगढ़ में अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू कर दिया गया है। इसी नीति के तहत शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और प्रेरणादायक शिक्षा व्यवस्था को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है।
नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन कौशल, व्यावहारिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों और सर्वांगीण विकास पर भी जोर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उसे आगे बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
स्कूल परिसरों की स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले ही शिक्षा विभाग ने स्कूल परिसरों की स्वच्छता, सुरक्षा और सौंदर्यीकरण को लेकर सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। हर स्कूल में रंगाई-पुताई, साफ-सफाई और जरूरी मरम्मत कार्य पूरे किए जा रहे हैं।
बच्चों को ऐसा वातावरण देने की कोशिश हो रही है जहां वे सुरक्षित, साफ-सुथरे और खुशनुमा माहौल में पढ़ाई कर सकें। इस प्रयास से न केवल बच्चों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि अभिभावक भी निश्चिंत होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे।
बच्चों के आत्मीय स्वागत की होगी व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि स्कूल खुलने के पहले दिन हर बच्चे का आत्मीय स्वागत किया जाए। बच्चों को नए कक्षा, नए शिक्षक और नए परिवेश में सहज महसूस कराने के लिए शिक्षकों को मित्रवत व्यवहार अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस तरह के स्वागत से बच्चों के मन में स्कूल के प्रति सकारात्मक भाव उत्पन्न होंगे और वे पूरे साल पढ़ाई में रुचि के साथ हिस्सा लेंगे। यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
प्रचार-प्रसार से बनेगा उत्सव का माहौल
शाला प्रवेश उत्सव को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए विभाग ने प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया है। सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस आयोजन की जानकारी बैनर, पोस्टर, सोशल मीडिया, रेडियो, और स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से दी जाए।
इससे अधिक से अधिक अभिभावक जागरूक होंगे और अपने बच्चों को समय पर स्कूल भेजने के लिए प्रेरित होंगे। उत्सव का माहौल बच्चों के मन में स्कूल को लेकर एक सकारात्मक छवि बनाएगा।
स्कूलों में होंगी कई रंग-बिरंगी गतिविधियां
शाला प्रवेश उत्सव के अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों — प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसमें छात्रों के स्वागत समारोह, रंगोली सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रेरणात्मक भाषण, शिक्षण सामग्री वितरण, और अन्य रोचक गतिविधियां शामिल होंगी।
इन कार्यक्रमों से बच्चों को न केवल मनोरंजन मिलेगा, बल्कि उनमें शिक्षा के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। साथ ही विद्यार्थियों में आपसी सहयोग, सौहार्द और समूह में काम करने की भावना का भी विकास होगा।
मिशन मोड में काम कर रहा शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग इस बार मिशन मोड में काम कर रहा है। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी स्कूल तय समय पर खुलें और शैक्षणिक सत्र समयबद्ध तरीके से शुरू हो सके।
यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इस सख्ती से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर बच्चा समय पर अपनी पढ़ाई शुरू कर सके।
निष्कर्ष
गर्मी की छुट्टियों के बाद छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में 16 जून 2025 से फिर से बच्चों की चहचहाहट गूंजेगी। शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे व्यापक प्रयासों से यह शैक्षणिक सत्र बच्चों के लिए और भी उत्साहजनक और यादगार बनने जा रहा है।
शाला प्रवेश उत्सव जैसे आयोजन बच्चों को स्कूल से जोड़ने और शिक्षा के महत्व को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उम्मीद है कि इस सकारात्मक शुरुआत से राज्य में शिक्षा का स्तर और भी बेहतर होगा।