Education Department Update: शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। बिहार के सरकारी शिक्षकों को अब गर्मी की छुट्टियों में किसी भी प्रकार की ड्यूटी नहीं करनी होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। इस फैसले से पूरे प्रदेश के शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वर्षों से गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों से तरह-तरह के कार्य करवाए जाते थे, जिससे उनकी छुट्टियां केवल नाममात्र की ही रह जाती थीं। लेकिन अब उन्हें पूरी गर्मी की छुट्टियां बिना किसी कार्य के बिताने का अवसर मिलेगा।
गर्मी की छुट्टियों में अब नहीं करनी होगी कोई ड्यूटी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान किसी भी शिक्षक को स्कूल या किसी अन्य सरकारी कार्य के लिए नहीं बुलाया जाएगा। उन्होंने यह आदेश सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को भेज दिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी शिक्षक को अवकाश के दौरान ड्यूटी पर न बुलाया जाए।
छुट्टियों में परिवार के साथ समय बिताने की सलाह
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों को यह भी सलाह दी है कि वे गर्मी की छुट्टियों का लाभ उठाते हुए अपने परिवार के साथ समय बिताएं। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों को पर्यटन स्थलों पर घूमने जाने की भी प्रेरणा दी है ताकि वे मानसिक रूप से तरोताजा होकर नए सत्र की शुरुआत कर सकें।
क्यों लिया गया यह फैसला?
दरअसल, पिछले कुछ समय से शिक्षा विभाग को यह सूचना मिल रही थी कि कुछ जिलों में शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों में विभिन्न प्रकार की ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। कभी चुनाव कार्य, कभी सर्वेक्षण तो कभी प्रशिक्षण के नाम पर उन्हें छुट्टियों के दौरान भी स्कूल या अन्य सरकारी कार्यों में व्यस्त कर दिया जाता था। इससे न केवल शिक्षकों को मानसिक थकान होती थी, बल्कि उनके पारिवारिक जीवन पर भी असर पड़ता था।
इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को किसी प्रकार का कार्य नहीं सौंपा जाएगा और वे पूरी तरह से अवकाश का लाभ ले सकेंगे।
81 हजार स्कूलों में 2 जून से छुट्टी
बिहार राज्य के लगभग 81 हजार सरकारी स्कूलों में 2 जून 2025 से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह अवकाश 20 जून 2025 तक जारी रहेगा। इस अवधि में न तो शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाएगा और न ही उनसे कोई प्रशासनिक कार्य लिया जाएगा। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक की उपस्थिति आवश्यक होगी ताकि स्कूल के जरूरी प्रशासनिक कार्य पूरे किए जा सकें।
गणितीय समर कैंप की होगी अलग व्यवस्था
जहां एक ओर शिक्षकों को छुट्टी का लाभ दिया गया है, वहीं दूसरी ओर गणित में कमजोर बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। कक्षा पांचवीं से छठी तक के करीब 12 लाख बच्चों के लिए गणितीय समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इन कैंप्स में बच्चों को प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटे तक गणित की विशेष कक्षाएं दी जाएंगी। यह कैंप शिक्षा विभाग की देखरेख में आयोजित किए जा रहे हैं और इसके लिए कुछ शिक्षक स्वेच्छा से योगदान दे रहे हैं।
शिक्षकों ने जताई संतुष्टि
शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद राज्यभर के शिक्षकों में संतोष और खुशी का माहौल है। वे वर्षों से गर्मी की छुट्टियों में ड्यूटी से परेशान थे। अब उन्हें न केवल मानसिक रूप से विश्राम मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार के साथ बेहतर समय भी बिता सकेंगे। कई शिक्षक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णय शिक्षकों के हित में है और इससे शिक्षा व्यवस्था में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष
शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल शिक्षकों के हित में है, बल्कि इससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था में भी गुणवत्ता का सुधार देखने को मिलेगा। जब शिक्षक मानसिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्नचित्त होंगे, तभी वे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दे सकेंगे। गर्मी की छुट्टियों में पूर्ण अवकाश देना एक सराहनीय पहल है जो अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकती है।
इस तरह का फैसला शिक्षक समुदाय के मनोबल को बढ़ाने का कार्य करता है और शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।