UGC Two Degree Rule: अगर आपने 2022 से पहले एक साथ दो डिग्रियां की थीं, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। अब 2022 से पहले की गई दो डिग्रियां भी वैध मानी जाएंगी, चाहे वे रेगुलर हों, डिस्टेंस मोड की हों या ऑनलाइन। यह फैसला लाखों छात्रों के लिए राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से इस नियम के स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे थे।
क्या है नया नियम?
UGC ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस जारी कर जानकारी दी कि अब एक ही शैक्षणिक सत्र में की गई दो डिग्रियों को मान्यता दी जाएगी। इससे पहले 2022 में यह नियम लागू किया गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि यह पुराने सेशनों पर भी लागू होगा या नहीं। अब नए अपडेट में यह साफ किया गया है कि यह नियम 2022 से पहले की डिग्रियों पर भी लागू होगा।
इसका मतलब यह है कि अगर किसी छात्र ने 2022 से पहले एक ही समय पर दो डिग्रियां की हैं, तो अब उसकी दोनों डिग्रियां मान्य मानी जाएंगी, बशर्ते कि उन्होंने तय नियमों का पालन किया हो।
किन डिग्रियों पर लागू होगा नियम?
यह नियम डिप्लोमा, स्नातक (Graduation) और परास्नातक (Post-Graduation) कोर्सेज पर लागू होगा। इसका मतलब है कि छात्र एक साथ दो स्नातक डिग्रियां या एक स्नातक और एक परास्नातक डिग्री कर सकते हैं, अगर वे शैक्षणिक समय और अन्य शर्तों के अनुसार की गई हैं।
हालांकि, यह नियम MPhil और PhD जैसे शोध आधारित पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा। UGC ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि PhD और MPhil के लिए एक साथ दो कोर्स करने की अनुमति नहीं दी गई है।
2020 से पहले की स्थिति क्या थी?
अगर हम पीछे जाएं, तो 2012 में UGC ने एक समिति गठित की थी, जिसने यह सिफारिश की थी कि एक रेगुलर डिग्री के साथ डिस्टेंस मोड में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स किया जा सकता है। लेकिन दो रेगुलर डिग्रियां एक साथ करना उस समय भी मान्य नहीं था।
बाद में 2020 में नियमों में कुछ ढील दी गई। तब UGC ने एक रेगुलर डिग्री के साथ एक डिस्टेंस या ऑनलाइन डिग्री करने की अनुमति दी थी। यह एक अहम बदलाव था, लेकिन अब तक केवल एक रेगुलर और एक डिस्टेंस कोर्स की ही अनुमति थी।
2022 में आया था बड़ा बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत 2022 में UGC ने और बड़ा कदम उठाया। पहली बार छात्रों को यह अधिकार दिया गया कि वे एक साथ दो रेगुलर डिग्रियां कर सकते हैं। इस फैसले ने शिक्षा के क्षेत्र में लचीलापन लाया और छात्रों को अपने करियर को बेहतर बनाने का अवसर दिया।
लेकिन तब यह नियम केवल भविष्य के सत्रों के लिए ही लागू किया गया था। इस कारण कई ऐसे छात्र जो पहले ही दो डिग्रियां साथ कर चुके थे, असमंजस में थे कि क्या उनकी डिग्रियां मान्य मानी जाएंगी या नहीं।
अब लाखों छात्रों को मिली राहत
अब नए निर्देशों के अनुसार, 2022 से पहले की गई दो डिग्रियां भी मान्य होंगी। इसका लाभ उन छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने कड़ी मेहनत से दो कोर्स एक साथ पूरे किए, लेकिन उन्हें मान्यता को लेकर संदेह था। अब ऐसे छात्र निश्चिंत होकर अपनी डिग्रियों का उपयोग कर सकेंगे, चाहे वह उच्च शिक्षा के लिए हो या नौकरी के लिए।
क्या हैं शर्तें?
हालांकि, UGC ने यह भी कहा है कि दोनों डिग्रियां तभी मान्य मानी जाएंगी, जब उन्हें नियमानुसार और निर्धारित समय सारिणी के अनुसार पूरा किया गया हो। यानी दोनों कोर्स की कक्षाएं एक-दूसरे से क्लैश नहीं करनी चाहिए थीं और दोनों पाठ्यक्रमों की अन्य औपचारिकताएं भी पूरी की गई होनी चाहिए।
निष्कर्ष
UGC का यह फैसला शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम है। इससे न केवल छात्रों को राहत मिली है, बल्कि यह निर्णय उच्च शिक्षा में लचीलापन और व्यापकता को भी बढ़ावा देगा। दो डिग्रियां एक साथ करने की अनुमति से छात्र अब अपने रुचि और करियर दोनों के हिसाब से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
यह नियम भविष्य में भी छात्रों को अधिक अवसर देने वाला साबित होगा और भारत के शिक्षा तंत्र को नई दिशा देगा। यदि आप भी 2022 से पहले एक साथ दो डिग्रियां कर चुके हैं, तो अब उन्हें पूरी मान्यता मिलेगी, बशर्ते आपने UGC के दिशा-निर्देशों का पालन किया हो।