Medical Courses After BA: आज के समय में मेडिकल फील्ड एक आकर्षक और स्थिर करियर का विकल्प बन चुका है। हालांकि, आम धारणा यही है कि मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषय जरूरी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपने 12वीं में आर्ट्स लिया है और बीए की डिग्री पूरी कर ली है, तब भी आप मेडिकल या हेल्थकेयर सेक्टर में करियर बना सकते हैं?
बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) के बाद कई ऐसे मेडिकल और हेल्थकेयर से जुड़े कोर्स उपलब्ध हैं, जिन्हें करने के बाद आप अच्छी नौकरी पा सकते हैं और भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं। इन कोर्सेस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये मेडिकल साइंस से जुड़े होने के बावजूद आर्ट्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स के लिए भी उपयुक्त हैं।
यहां हम ऐसे 6 प्रमुख मेडिकल कोर्सेस की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें बीए के बाद किया जा सकता है।
1. मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (MPH)
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है जो हेल्थ पॉलिसी, महामारी विज्ञान और सामुदायिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर केंद्रित होता है। यह कोर्स खासकर उन छात्रों के लिए बेहतर है जिन्होंने बीए में समाजशास्त्र, मनोविज्ञान या सोशल वर्क जैसे विषय पढ़े हैं।
पात्रता: किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीए में न्यूनतम 50 से 60 प्रतिशत अंक। कुछ संस्थानों में GRE स्कोर की भी आवश्यकता हो सकती है।
अवधि: 1 से 2 वर्ष
करियर स्कोप: पब्लिक हेल्थ कंसल्टेंट, हेल्थ पॉलिसी एनालिस्ट, हेल्थ प्रोग्राम मैनेजर, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नौकरी
औसत सैलरी: 4 से 10 लाख रुपये प्रति वर्ष
प्रमुख संस्थान: AIIMS नई दिल्ली, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ
2. मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (MHA)
यह कोर्स हॉस्पिटल मैनेजमेंट और हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन में विशेषज्ञता प्रदान करता है। आर्ट्स बैकग्राउंड के वे छात्र जिन्होंने अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान या प्रबंधन से पढ़ाई की है, उनके लिए यह अच्छा विकल्प है।
पात्रता: किसी भी स्ट्रीम में स्नातक, न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक। कुछ संस्थानों में CAT या MAT स्कोर जरूरी हो सकता है।
अवधि: 2 वर्ष
करियर स्कोप: हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल ऑपरेशंस मैनेजर, हेल्थकेयर कंसल्टेंट
औसत सैलरी: 3 से 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष
प्रमुख संस्थान: TISS मुंबई, सिम्बायोसिस पुणे, अपोलो इंस्टिट्यूट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन
3. मास्टर ऑफ साइकोलॉजी (क्लिनिकल या हेल्थ साइकोलॉजी)
अगर आपने बीए में मनोविज्ञान पढ़ा है तो आप क्लिनिकल या हेल्थ साइकोलॉजी में मास्टर्स कर सकते हैं। यह कोर्स मानसिक स्वास्थ्य, काउंसलिंग और रिहैबिलिटेशन जैसी सेवाओं से जुड़ा होता है।
पात्रता: बीए साइकोलॉजी या संबंधित विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक
अवधि: 2 वर्ष
करियर स्कोप: क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, हेल्थ काउंसलर, मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों और रिहैबिलिटेशन संस्थानों में रोजगार
औसत सैलरी: 3 से 7 लाख रुपये प्रतिवर्ष
प्रमुख संस्थान: NIMHANS बेंगलुरु, एमिटी यूनिवर्सिटी, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
4. हेल्थकेयर में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस
अगर आप शॉर्ट टर्म कोर्स करना चाहते हैं तो मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स जैसे क्षेत्रों में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।
पात्रता: बीए डिग्री, कुछ कोर्स में विज्ञान की पृष्ठभूमि जरूरी हो सकती है
अवधि: 6 महीने से 2 वर्ष
करियर स्कोप: लैब टेक्नीशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट असिस्टेंट
औसत सैलरी: 2 से 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष
प्रमुख संस्थान: इग्नू, अपोलो मेडस्किल्स, सिम्बायोसिस हेल्थ साइंसेज इंस्टीट्यूट
5. मास्टर ऑफ सोशल वर्क (MSW) – मेडिकल और साइकियाट्रिक स्पेशलाइजेशन
सोशल वर्क की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए MSW एक अच्छा विकल्प है, खासकर अगर वे मेडिकल या साइकियाट्रिक फील्ड में स्पेशलाइजेशन करते हैं।
पात्रता: बीए (सोशियोलॉजी या साइकोलॉजी), न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक
अवधि: 2 वर्ष
करियर स्कोप: मेडिकल सोशल वर्कर, हॉस्पिटल काउंसलर, एनजीओ में हेल्थ प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर
औसत सैलरी: 3 से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष
प्रमुख संस्थान: TISS मुंबई, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया
6. मास्टर इन हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स
यह कोर्स हेल्थ डेटा, इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट और हेल्थकेयर सिस्टम्स पर केंद्रित होता है। बीए के साथ कंप्यूटर एप्लिकेशन या सांख्यिकी विषय पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह कोर्स उपयुक्त है।
पात्रता: बीए डिग्री, तकनीकी पृष्ठभूमि लाभदायक
अवधि: 1 से 2 वर्ष
करियर स्कोप: हेल्थ डेटा एनालिस्ट, हेल्थकेयर आईटी कंसल्टेंट
औसत सैलरी: 4 से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष
प्रमुख संस्थान: IIHMR जयपुर, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन
निष्कर्ष
बीए के बाद भी मेडिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में करियर बनाना न केवल संभव है, बल्कि यह एक स्थिर और सम्मानजनक विकल्प भी है। उपर्युक्त कोर्सेस से यह स्पष्ट है कि मेडिकल फील्ड में सिर्फ डॉक्टर बनने का ही रास्ता नहीं है, बल्कि कई अन्य भूमिकाएं भी हैं जहां आप अपनी जगह बना सकते हैं। जरूरत है सिर्फ सही कोर्स चुनने और समय पर सही दिशा में मेहनत करने की।