Kisan Yojana 2025: देश में किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाती रहती है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने किसानों के खेतों की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को उनके खेतों के चारों ओर बाड़बंदी (फेंसिंग) करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा करना है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
यह योजना वर्ष 2017 में शुरू की गई थी। तब से लेकर अब तक लाखों किसान इसका लाभ ले चुके हैं। वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना को और व्यापक रूप से लागू किया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान इससे जुड़ सकें और अपनी फसलों की रक्षा कर सकें।
राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों की मेहनत से उगाई गई फसल को आवारा पशुओं और अन्य नुकसानों से सुरक्षित रखा जा सके। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि उन्हें फसल क्षति की चिंता से भी राहत मिलेगी।
फेंसिंग के लिए आर्थिक सहायता
सरकार इस योजना के तहत 400 मीटर तक की फेंसिंग करने के लिए सब्सिडी देती है। यह सहायता राशि किसानों की श्रेणी के अनुसार अलग-अलग तय की गई है ताकि हर वर्ग के किसान को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार लाभ मिल सके।
किसान श्रेणी के अनुसार मिलने वाला लाभ
-
लघु एवं सीमांत किसान
-
कुल लागत का 60% तक की सब्सिडी
-
अधिकतम राशि ₹48,000 तक
-
-
सामान्य किसान
-
कुल लागत का 50% तक की सब्सिडी
-
अधिकतम राशि ₹40,000 तक
-
-
समूह में आवेदन करने वाले किसान (10 या अधिक किसान, न्यूनतम 5 हेक्टेयर भूमि पर)
-
कुल लागत का 70% तक की सब्सिडी
-
अधिकतम ₹56,000 प्रति किसान तक
-
विशेष प्राथमिकता प्राप्त समूह
-
अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान
-
महिला किसान
इन समूहों के आवेदन को प्राथमिकता दी जाती है ताकि समाज के सभी तबकों तक इस योजना का लाभ पहुँच सके।
पात्रता शर्तें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता शर्तें भी निर्धारित की गई हैं:
-
किसान राजस्थान राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
-
किसान के पास कम से कम 0.5 हेक्टेयर (ग्रामीण क्षेत्रों में) या 1.5 हेक्टेयर (सामान्य क्षेत्रों में) भूमि होनी चाहिए।
-
समूह आवेदन के लिए कम से कम 5 हेक्टेयर की सामूहिक भूमि और कम से कम 10 किसान होना जरूरी है।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, ताकि किसानों को आसानी से सुविधा मिल सके और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
आवेदन करने का तरीका
-
सबसे पहले किसान को “राज किसान साथी” पोर्टल या अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा।
-
पोर्टल पर जाकर अपना बीहमाशाह ID या जन-आधार ID दर्ज कर पात्रता की जांच करनी होगी।
-
पात्र पाए जाने पर आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करके आवेदन फॉर्म सबमिट करना होगा।
जरूरी दस्तावेज़
-
आधार कार्ड
-
भूमि के कागजात (जमाबंदी / ट्रेस नक्शा)
-
राशन कार्ड
-
बैंक खाता विवरण
-
लघु/सीमांत किसान प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
-
पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन के बाद की प्रक्रिया
-
आवेदन जमा करने के बाद कृषि विभाग का अधिकारी खेत का भौतिक सत्यापन करेगा।
-
सत्यापन और आवश्यक कागजातों की जांच के बाद सहायता राशि किसान के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेज दी जाएगी।
योजना में किए गए सुधार
सरकार ने समय-समय पर किसानों की सुविधा और लाभ को ध्यान में रखते हुए इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण सुधार भी किए हैं:
-
न्यूनतम भूमि सीमा को घटाकर 0.5 हेक्टेयर किया गया।
-
पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया ताकि किसान घर बैठे आवेदन कर सकें।
-
समूह आधारित आवेदन पर अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान किया गया।
-
छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि वे भी इस योजना से ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें।
योजना का लाभ उठाने का सुनहरा मौका
यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है जो अक्सर आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए चिंतित रहते हैं। अगर आप भी किसान हैं और अपने खेत को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो आज ही आवेदन करें।
आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर या “राज किसान साथी पोर्टल” पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
राज्य सरकार की यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी फसलों को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ लें, यही सरकार का उद्देश्य है। यदि आप भी पात्र हैं तो बिना देर किए तुरंत आवेदन करें और अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित बनाएं।