NEET: अगर आप या आपके घर का कोई सदस्य NEET परीक्षा की तैयारी कर रहा है या हाल ही में NEET 2025 की परीक्षा दे चुका है, तो एक सवाल जरूर मन में आता होगा – “सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS के लिए कितने नंबर लाने होते हैं?” खासकर जनरल और OBC वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में हम आपको सरल भाषा में बताएंगे कि NEET परीक्षा में कितने अंक लाने पर MBBS की सरकारी सीट मिलने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही जानेंगे कि देश में कितने सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं और उनमें कितनी सीटें उपलब्ध होती हैं।
NEET क्या है?
NEET (National Eligibility cum Entrance Test) भारत की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से MBBS, BDS, BAMS, BHMS जैसे कई मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन दिया जाता है। NEET परीक्षा हर साल लाखों छात्र देते हैं और सभी का सपना होता है कि उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सीट मिल जाए।
जनरल और OBC वर्ग के लिए सरकारी MBBS सीट की उम्मीद कितने नंबर पर?
सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाना आसान नहीं होता, क्योंकि हर साल प्रतियोगिता बहुत अधिक होती है और सीटें सीमित होती हैं। ऐसे में अगर आप जनरल या OBC वर्ग से हैं, तो आपको अपेक्षाकृत अच्छे अंक लाने की जरूरत होती है।
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जनरल कैटेगरी (Unreserved) के विद्यार्थियों को NEET में कम से कम 650 अंक या उससे अधिक लाने होते हैं, तभी उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सीट मिलने की मजबूत संभावना बनती है।
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OBC (Other Backward Classes) कैटेगरी के विद्यार्थियों को 610 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर MBBS की सरकारी सीट मिलने की संभावना रहती है।
हालांकि यह आंकड़े हर साल थोड़े बहुत बदल सकते हैं क्योंकि यह कट-ऑफ कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है जैसे – परीक्षा का कठिनाई स्तर, छात्रों की संख्या, सीटों की उपलब्धता और आरक्षण नीति।
NEET में Cut-Off कैसे तय होता है?
NEET की कटऑफ निर्धारित करने के लिए कई मानकों को देखा जाता है:
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परीक्षा की कठिनाई – अगर पेपर कठिन होता है तो कट-ऑफ कम जाती है।
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छात्रों की संख्या – अधिक विद्यार्थी होंगे तो प्रतियोगिता अधिक होगी।
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उपलब्ध सीटें – जितनी ज्यादा सीटें होंगी, उतनी ज्यादा प्रवेश की संभावना।
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आरक्षण व्यवस्था – विभिन्न वर्गों के लिए अलग-अलग कट-ऑफ तय होती है।
भारत में कितने सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं?
NEET के जरिए पूरे भारत में मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होता है। 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार:
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कुल मेडिकल कॉलेज – 766
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सरकारी मेडिकल कॉलेज – 423
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प्राइवेट मेडिकल कॉलेज – 343
इन कॉलेजों में MBBS की कुल सीटें 1 लाख से अधिक हैं। इन सीटों में सबसे अधिक हिस्सा सरकारी कॉलेजों का होता है, लेकिन फिर भी प्रतियोगिता बहुत कठिन होती है।
किन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा MBBS सीटें?
नीचे कुछ प्रमुख राज्यों की जानकारी दी जा रही है जहां MBBS की सबसे ज्यादा सरकारी सीटें हैं:
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कर्नाटक – सबसे ज्यादा MBBS सीटें (सरकारी व प्राइवेट दोनों मिलाकर)
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उत्तर प्रदेश – करीब 12,415 MBBS सीटें हैं, जिनमें बड़ी संख्या सरकारी कॉलेज की है।
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महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान जैसे राज्यों में भी काफी संख्या में मेडिकल सीटें उपलब्ध हैं।
सरकारी मेडिकल कॉलेज क्यों होते हैं बेहतर?
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कम फीस – सरकारी कॉलेज की फीस काफी कम होती है, जो आम परिवारों के लिए किफायती होती है।
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बेहतर संसाधन – सरकारी कॉलेजों में सरकारी अस्पताल जुड़े होते हैं जिससे छात्रों को ज्यादा प्रैक्टिकल अनुभव मिलता है।
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अनुभवी फैकल्टी – सरकारी कॉलेजों में अनुभवी और योग्य शिक्षक होते हैं।
तैयारी कैसे करें ताकि 650+ मार्क्स आ सकें?
अगर आपका लक्ष्य सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS करना है, तो तैयारी रणनीति के साथ करनी होगी:
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NCERT की बुक्स को पूरी तरह पढ़ें – बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री की किताबों को बार-बार पढ़ें।
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मॉक टेस्ट और पुराने पेपर हल करें – इससे आपकी गति और सटीकता दोनों में सुधार होगा।
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समय का सही प्रबंधन करें – हर विषय को बराबर समय दें और कमजोर टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दें।
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कोचिंग या गाइडेंस लें – अगर संभव हो तो किसी अनुभवी टीचर या कोचिंग सेंटर से मार्गदर्शन लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आप जनरल वर्ग से हैं तो आपको NEET में कम से कम 650 अंक और OBC वर्ग से हैं तो 610 अंक लाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि आपको सरकारी MBBS कॉलेज मिल सके। NEET परीक्षा कठिन जरूर है, लेकिन सही रणनीति और मेहनत से आप अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार कर सकते हैं।
सरकारी कॉलेज में पढ़ाई करके ना सिर्फ आपके माता-पिता का आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि आपको मेडिकल क्षेत्र में एक मजबूत शुरुआत भी मिलेगी। इसलिए अपने लक्ष्य पर फोकस करें और तैयारी में कोई कसर न छोड़ें।