NEET OBC Cutoff 2025: NEET परीक्षा हर वर्ष लाखों छात्रों के लिए एक बड़ा सपना लेकर आती है। खासतौर पर वे छात्र जो डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, उनके लिए NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा बेहद महत्वपूर्ण होती है। हर वर्ग के छात्रों के लिए इसमें कटऑफ अलग-अलग होता है। आज हम विशेष रूप से ओबीसी (OBC – Other Backward Classes) वर्ग के छात्रों के लिए NEET UG 2025 की संभावित कटऑफ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। यदि आप भी NEET परीक्षा में भाग ले चुके हैं या भविष्य में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद लाभकारी है।
इस वर्ष कब हुई NEET परीक्षा?
NEET UG 2025 परीक्षा का आयोजन मई महीने में देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर सफलतापूर्वक कराया गया। इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है। परीक्षा समाप्त होने के बाद एजेंसी द्वारा आंसर की भी जारी कर दी गई है और अब सभी अभ्यर्थी अपने परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द रिजल्ट भी घोषित कर दिया जाएगा।
NEET में ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज का कटऑफ
NEET परीक्षा में सफल होने के बाद अधिकतर छात्रों की पहली प्राथमिकता होती है सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट प्राप्त करना। चूंकि सरकारी कॉलेजों में फीस कम होती है और पढ़ाई का स्तर भी बेहतर होता है, इसलिए प्रतियोगिता काफी कठिन हो जाती है।
विशेषज्ञों और पिछले वर्षों के ट्रेंड के अनुसार, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को MBBS में सरकारी सीट प्राप्त करने के लिए लगभग 610 अंक या उससे अधिक स्कोर करना जरूरी होता है। हालांकि यह कटऑफ हर वर्ष थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है क्योंकि यह निर्भर करता है:
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परीक्षा के कठिनाई स्तर पर
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कुल सीटों की संख्या पर
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ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर
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काउंसलिंग राउंड के दौरान सीट की उपलब्धता पर
यदि किसी वर्ष पेपर थोड़ा कठिन आता है तो कटऑफ में थोड़ी कमी भी देखी जा सकती है।
एमबीबीएस में सीटों की उपलब्धता कितनी है?
भारत में हर वर्ष एमबीबीएस के लिए सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में देश भर में कुल मिलाकर 1 लाख से अधिक एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। इनमें सरकारी और प्राइवेट कॉलेज दोनों शामिल हैं।
किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा MBBS सीटें?
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कर्नाटक: भारत में सबसे अधिक MBBS सीटें कर्नाटक राज्य में हैं। यहां कई सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज हैं जो छात्रों को प्रवेश देते हैं।
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उत्तर प्रदेश: कर्नाटक के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर आता है। यहां लगभग 12415 MBBS सीटें उपलब्ध हैं। यूपी के छात्रों के लिए यह बड़ी संख्या में अवसर लेकर आता है।
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अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश आदि में भी बड़ी संख्या में मेडिकल सीटें उपलब्ध हैं।
क्यों जरूरी है सही कटऑफ जानना?
सही कटऑफ का अंदाजा होने से अभ्यर्थी को अपने स्कोर के आधार पर काउंसलिंग की तैयारी करने में आसानी होती है। अगर कोई छात्र जानता है कि उसके अंक सरकारी कॉलेज के लिए पर्याप्त हैं या नहीं, तो वह अपने दस्तावेज़ और काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए पहले से तैयार रह सकता है। इससे काउंसलिंग के दौरान अंतिम समय की भागदौड़ से बचा जा सकता है।
NEET कटऑफ को तय करने वाले मुख्य कारक
NEET UG परीक्षा में हर वर्ष कटऑफ कुछ प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है:
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परीक्षा का कठिनाई स्तर: यदि पेपर कठिन होता है तो कटऑफ कम जाता है और आसान पेपर होने पर कटऑफ ऊपर जाता है।
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उम्मीदवारों की संख्या: जितने ज्यादा उम्मीदवार होते हैं, उतनी ही प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
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सीटों की संख्या: अगर सरकार सीटें बढ़ाती है तो कटऑफ थोड़ा कम हो सकता है।
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रिजर्वेशन पॉलिसी: विभिन्न वर्गों के आरक्षण से भी कटऑफ पर असर पड़ता है।
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पिछले वर्षों का ट्रेंड: पुराने वर्षों के कटऑफ से भी इस वर्ष का अनुमान लगाया जाता है।
ओबीसी वर्ग को काउंसलिंग में क्या लाभ मिलता है?
OBC वर्ग के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में आरक्षण का लाभ मिलता है। इससे उनकी प्रतियोगिता केवल अनारक्षित वर्ग के छात्रों से नहीं होती बल्कि उनकी सीटें आरक्षित कोटे में होती हैं जिससे उनके चयन के अवसर बढ़ जाते हैं। OBC के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या भी अच्छी खासी होती है।
रिजल्ट आने के बाद क्या करें?
रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होगा। NEET की ऑल इंडिया काउंसलिंग MCC (Medical Counseling Committee) द्वारा आयोजित की जाती है, जबकि स्टेट लेवल पर अलग-अलग राज्यों के मेडिकल काउंसलिंग बोर्ड द्वारा प्रक्रिया चलाई जाती है। सभी अभ्यर्थियों को अपने डॉक्यूमेंट्स जैसे:
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NEET स्कोर कार्ड
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10वीं व 12वीं की मार्कशीट
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जाति प्रमाण पत्र (OBC के लिए)
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निवास प्रमाण पत्र
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पहचान पत्र
इत्यादि तैयार रखने चाहिए ताकि काउंसलिंग के समय किसी प्रकार की परेशानी न हो।
निष्कर्ष
अगर आप ओबीसी वर्ग से हैं और NEET परीक्षा में MBBS के लिए सरकारी कॉलेज पाना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 610 से 620 अंकों का टारगेट रखना चाहिए। मेहनत, स्मार्ट स्टडी और सही मार्गदर्शन से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
सभी NEET अभ्यर्थियों को हमारी तरफ से शुभकामनाएं। मेहनत करते रहिए और अपने सपनों को साकार कीजिए।