UP New Expressway Project: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की सड़क नेटवर्क को और अधिक बेहतर और सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक 92 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया है। यह लिंक एक्सप्रेसवे मैनपुरी जिले की भोगांव तहसील से होकर गुजरेगा और इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है।
इस परियोजना के माध्यम से मैनपुरी, इटावा, आगरा और लखनऊ जैसे महत्वपूर्ण जिलों को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे न केवल यातायात व्यवस्था सुदृढ़ होगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
92 किमी लिंक एक्सप्रेसवे का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन को और अधिक सुविधाजनक और तेज़ बनाने के लिए इस लिंक एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से:
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गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा।
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लंबी दूरी तय करने वाले लोगों को समय और ईंधन की बचत होगी।
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मैनपुरी, इटावा और आसपास के जिलों के लोगों को राजधानी लखनऊ और ऐतिहासिक शहर आगरा तक पहुंचने में आसानी होगी।
ज़मीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू
इस परियोजना के लिए जिन इलाकों से एक्सप्रेसवे गुजरेगा, वहां की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए 11 गांवों की जमीन चिह्नित की गई है और वहां पर लेखपालों द्वारा गाटा संख्या के अनुसार डेटा एकत्र किया जा रहा है।
इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण:
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मुड़ई
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दुर्जनपुर
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हाजीपुर बरा
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बहदीनपुर
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अकबरपुर बिकू
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छबीलेपुर
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चनेपुर
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हुसैनपुर
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घूमसपुर
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कमालपुर महमूदिया
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रामनगरिया
बताया जा रहा है कि इस परियोजना से करीब 450 से 500 किसानों की जमीन प्रभावित होगी, जिनको सरकार द्वारा नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।
लेखपालों की जिम्मेदारी और प्रक्रिया
लेखपालों को निर्देश दिया गया है कि वे गाटा सत्यापन की प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर पूरा करें और अपनी रिपोर्ट UPEIDA को सौंपें। इस रिपोर्ट में:
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प्रत्येक किसान की भूमि का विवरण
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क्षेत्रफल
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स्वामित्व की जानकारी
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गाटा संख्या
जैसी जानकारियां शामिल होंगी। इसके बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को विधिवत आगे बढ़ाया जाएगा।
किसानों के लिए सुनहरा मौका
इस योजना से जुड़े 11 गांवों के किसानों के लिए यह मौका किसी वरदान से कम नहीं है। वर्षों से जिन जमीनों की कीमतें स्थिर थीं, अब वे सोने के भाव बिकेंगी। किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिलने की पूरी संभावना है। सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवज़े से किसान न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगे बल्कि वे अपने बच्चों की शिक्षा, नए व्यवसाय या बेहतर जीवन के लिए निवेश कर सकेंगे।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से केवल किसानों को ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र को विकास का लाभ मिलेगा। इसमें शामिल हैं:
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बेहतर सड़क सुविधा से यात्रा में समय की बचत
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परिवहन, उद्योग और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
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नए निवेश और रोजगार के अवसर
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आसपास की जमीनों के दाम में वृद्धि
लंबे समय से स्थानीय लोग बेहतर कनेक्टिविटी और सड़क सुविधा की मांग कर रहे थे, जिसे यह लिंक एक्सप्रेसवे पूरा करेगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में बनने वाला यह 92 किमी लंबा लिंक एक्सप्रेसवे राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ा जाएगा, बल्कि मैनपुरी, इटावा और आस-पास के गांवों में विकास की नई राहें भी खुलेंगी।
किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिलेगा, क्षेत्रीय लोगों को बेहतर सड़कें मिलेंगी और सरकार को एक मजबूत यातायात नेटवर्क का विस्तार मिलेगा। यह परियोजना आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है।