RBI Refund Guidelines 2025: आज के डिजिटल युग में लोग तेजी से ऑनलाइन पेमेंट, UPI, ATM और नेट बैंकिंग जैसे माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन इन सुविधाओं के साथ-साथ एक आम समस्या भी सामने आती है – ट्रांजेक्शन फेल होना और खाते से पैसा कट जाना। ऐसे में ग्राहकों की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि उनका पैसा कब वापस आएगा।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ट्रांजेक्शन फेल होने पर रिफंड की समयसीमा और नियमों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाना और ग्राहकों की समस्याओं का त्वरित समाधान देना है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ATM, UPI, NEFT, RTGS और POS जैसे माध्यमों से ट्रांजेक्शन फेल होने की स्थिति में पैसा वापस मिलने में कितना समय लगता है और ग्राहक क्या कदम उठा सकते हैं।
1. ATM से पैसे नहीं निकले, लेकिन खाता डेबिट हो गया
यह समस्या सबसे आम है, जहां ग्राहक ATM से पैसे निकालने जाता है लेकिन तकनीकी कारणों से पैसा नहीं निकलता और फिर भी खाते से राशि कट जाती है।
RBI के नियम के अनुसार, बैंक को 5 कार्यदिवस (working days) के भीतर पैसा ग्राहक के खाते में लौटाना होगा।
अगर इस समयसीमा में पैसा वापस नहीं किया गया, तो ग्राहक को ₹100 प्रतिदिन का मुआवजा मिलने का अधिकार है।
महत्वपूर्ण:
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यह नियम सभी बैंकों पर लागू है – चाहे सरकारी हो या प्राइवेट।
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ग्राहक को ट्रांजेक्शन की रसीद या स्क्रीनशॉट संभाल कर रखना चाहिए।
2. UPI और IMPS से ट्रांजेक्शन फेल
UPI और IMPS के जरिए पेमेंट करना आज के समय में बेहद आम हो गया है। लेकिन कई बार पेमेंट करते समय सर्वर समस्या या नेटवर्क एरर के कारण ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है और राशि कट जाती है।
RBI के अनुसार:
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बैंक को 5 दिनों के भीतर पैसा लौटाना होता है।
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आमतौर पर यह प्रक्रिया स्वतः पूरी हो जाती है, लेकिन यदि नहीं होती तो ग्राहक शिकायत दर्ज कर सकता है।
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यदि देरी होती है, तो ग्राहक को ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा भी मिलेगा।
3. NEFT और RTGS ट्रांजेक्शन फेल
NEFT (National Electronic Funds Transfer) और RTGS (Real Time Gross Settlement) मुख्यतः बड़े और सुरक्षित फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
अगर इनसे ट्रांजेक्शन फेल होता है:
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RTGS के मामले में, राशि अधिकतम 2 घंटे में वापस मिल जानी चाहिए।
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NEFT के मामले में, पैसा अधिकतम 1 कार्यदिवस के अंदर लौटना चाहिए।
अगर समय पर रिफंड नहीं आता है, तो ग्राहक को बैंक से संपर्क कर शिकायत करनी चाहिए और मुआवजे का अधिकार भी जताना चाहिए।
4. POS मशीन और ऑनलाइन पेमेंट फेल
कई बार कार्ड से शॉपिंग करते समय POS मशीन में पेमेंट फेल हो जाती है, लेकिन खाते से राशि कट जाती है।
RBI के अनुसार:
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बैंक को 5 वर्किंग डेज़ के भीतर पैसा लौटाना अनिवार्य है।
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ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप से पेमेंट करने पर अगर राशि अटकती है तो वही नियम लागू होगा।
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ग्राहक को ट्रांजेक्शन की डिटेल्स, समय, तारीख और राशि को रिकॉर्ड में रखना चाहिए।
5. ग्राहकों के अधिकार और शिकायत प्रक्रिया
यदि आपके पैसे समय पर वापस नहीं आते हैं, तो आपके पास शिकायत दर्ज कराने का पूरा अधिकार है।
शिकायत कैसे दर्ज करें:
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पहले बैंक की कस्टमर केयर पर संपर्क करें और शिकायत संख्या प्राप्त करें।
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यदि 30 दिनों के भीतर समाधान नहीं मिलता है, तो आप RBI के बैंकिंग लोकपाल पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
मुआवजे का अधिकार:
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यदि तय समय सीमा में रिफंड नहीं होता है, तो आपको ₹100 प्रतिदिन का मुआवजा मिल सकता है।
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यह राशि बैंक की देरी के लिए दी जाती है, और ग्राहक इसे मांग सकता है।
6. बैंक की जिम्मेदारी
RBI ने स्पष्ट किया है कि ट्रांजेक्शन फेल होने पर रिफंड देने की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी।
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बैंक को सभी मामलों में समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करनी होगी।
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ग्राहकों को यह जानकारी दी जानी चाहिए कि वे अपनी शिकायत कैसे और कहां दर्ज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
डिजिटल बैंकिंग भले ही सुविधाजनक हो, लेकिन इसके साथ जोखिम भी जुड़ते हैं। ऐसे में RBI की ये नई गाइडलाइन ग्राहकों को राहत देती है। अब ग्राहक अपने पैसे को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं, क्योंकि ट्रांजेक्शन फेल होने पर समय पर रिफंड और मुआवजे का प्रावधान है।
यदि आपके साथ भी कभी ऐसा हो, तो घबराएं नहीं। बैंक से संपर्क करें, शिकायत दर्ज कराएं और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।